
सवाल:
रमज़ान मुबारक में जब वित्र की नमाज़ जमात के साथ पढ़ी जाती है, तो अगर किसी की एक रकअत छूट जाए और वह दूसरी रकअत में शामिल हो, तो क्या वह इमाम के साथ दुआ-ए-क़ुनूत पढ़ेगा या अपनी छूटी हुई रकअत में पढ़ेगा? कृपया स्पष्ट करें, अल्लाह आपको अज्र अता करे।
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيمِ
जवाब
अगर कोई शख्स वित्र की दूसरी रकअत में शामिल हो, तो वह दुआ-ए-क़ुनूत इमाम के साथ ही पढ़ेगा। अपनी छूटी हुई रकअत में नहीं पढ़ेगा, क्योंकि दोबारा पढ़ने की इजाज़त नहीं है।
हज़रत अल्लामा इब्राहीम हलबी लिखते हैं:
मसबूक इमाम के साथ क़ुनूत पढ़ेगा, बाद में नहीं पढ़ेगा।
[बहार-ए-शरीअत, जिल्द: 1, स: 662]
والله تعالى أعلم